Israel Bombs Iran: इसराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने विश्व को चिंतित कर दिया है, और इसे तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ते कदमों के रूप में देखा जा रहा है। शनिवार की सुबह इसराइल ने ईरान पर बड़ा हवाई हमला किया, जिसमें इसराइली वायुसेना के 100 से अधिक फाइटर जेट्स ने ईरानी सेना से जुड़े ठिकानों पर एक के बाद एक हमले किए। ईरानी मीडिया ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि इस हमले में ईरान के चार सैनिकों की मौत हो गई और तेहरान के पश्चिमी क्षेत्रों में हल्का नुकसान हुआ है। इसराइल डिफेंस फोर्सेज (IDF) ने बयान जारी कर कहा कि यह हमला 1 अक्टूबर को ईरान द्वारा किए गए हमले का प्रतिउत्तर है। IDF के अनुसार, किसी भी संप्रभु राष्ट्र को अपने ऊपर हुए हमले का जवाब देने का अधिकार है और यह उसका कर्तव्य भी है। विश्व के नेताओं ने इस स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की है, और कई देश तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक उपायों की आवश्यकता पर जोर दे रहे हैं।
इजरायली हमले के बाद ईरानी सेना की ओर से बयान जारी किया गया है, जिसमें उन्होंने इस हमले को मामूली बताया है। बयान में कहा गया, “इजरायल के हमले में हमारे चार सैनिकों की जान गई है और ईरान को सीमित नुकसान हुआ है। लेकिन इस हमले के बुरे नतीजे भविष्य में इजरायल को भुगतने होंगे। हम (ईरान) इस हमले का जवाब जरूर देंगे।” वहीं, अमेरिका ने भी ईरान को चेतावनी दी है। अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा, “ईरान को इजरायल के हमले का जवाब देने की गलती नहीं करनी चाहिए। अगर ईरान जवाबी कार्रवाई करता है, तो इसराइल इससे भी बड़े हमले कर सकता है।” इस बढ़ते तनाव ने क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा को लेकर चिंताओं को और भी बढ़ा दिया है।
अमेरिका के दबाव में आकर काम नहीं करता इजरायल
ईरान पर किए गए हमले के बाद इजरायल के राष्ट्रपति बेंजामिन नेतन्याहू का पहला बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने इजरायली मीडिया से बातचीत करते हुए स्पष्ट किया कि इसराइल ने ईरान में अपने लक्ष्यों का चयन अपने राष्ट्रीय हितों के आधार पर किया है, न कि अमेरिकी निर्देशों के आधार पर। नेतन्याहू का यह बयान उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज करने के लिए था, जिनमें यह दावा किया जा रहा था कि अमेरिकी दबाव के चलते ही इजराइल ने ईरान की गैस और तेल सुविधाओं पर हमला नहीं किया। इस बयान से नेतन्याहू ने स्पष्ट किया कि इजरायल अपनी सुरक्षा नीति में पूरी तरह से स्वतंत्र है और अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए स्वयं निर्णय लेता है।
ईरान पर कब और कैसे हुआ था हमला?
ईरानी मीडिया के अनुसार, शुक्रवार देर रात 02:00 बजे इजराइल ने ईरान की राजधानी तेहरान, खुज़ेस्तान और इलम शहरों पर हवाई हमला किया। इस हमले में इजराइल ने ईरान के 20 से अधिक सैन्य ठिकानों पर 100 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। इजराइल ने विशेष रूप से ईरान की बेलिस्टिक मिसाइल उत्पादन इकाई को निशाना बनाया और उसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया। इस हमले में ईरान के चार सैनिकों की जान भी गई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए इजराइल ने सैकड़ों लड़ाकू विमानों का इस्तेमाल किया था। इजराइल ने इस हमले का नाम “पछतावे का दिन” रखा था, जो इस कार्रवाई की गंभीरता को दर्शाता है।
LEAKED FOOTAGE – IRAN ATTACK🚨
— Open Source Intel (@Osint613) October 27, 2024
Footage reveals the aftermath of an Israeli strike on a large UAV manufacturing facility in Shams Abad, near Arak. Iran has prohibited documentation in the area, but a some Iranians managed to leak this video. pic.twitter.com/ZergdsO2T2
इस हमले ने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें अब इस पर टिकी हुई हैं।
भारत ने हमले पर दी प्रतिक्रिया
भारत ने अपनी नीतियों को विश्व के सामने पहले ही स्पष्ट कर दिया है। भारत का स्पष्ट मत है कि यह युद्ध का समय नहीं है, बल्कि हर समस्या का समाधान बातचीत और कूटनीति से होना चाहिए। किसी का पक्ष लिए बिना भारतीय विदेश मंत्रालय ने अपना बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, “हम पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव और उस पूरे क्षेत्र की शांति और स्थिरता पर इसके प्रभाव को लेकर अत्यंत चिंतित हैं।” भारत ने सभी पक्षों से संयम बरतने और कूटनीतिक तरीकों से समाधान खोजने की अपील की है, ताकि क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनी रहे।
इजरायली हमले के तुरंत बाद बीमार पड़ा ईरान का बड़ा नेता
ईरान पर हुए हमले के एक दिन बाद, अमेरिका के प्रसिद्ध अखबार न्यूयॉर्क टाइम्सने ईरान को लेकर एक बड़ा दावा किया है, जिसने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है। न्यूयॉर्क टाइम्स का कहना है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई गंभीर रूप से बीमार हैं, और ईरान उनके नए उत्तराधिकारी की तलाश में है। बता दें कि ईरान में राष्ट्रपति से भी ऊंचा पद अयातुल्ला खामेनेई का है, इसलिए उन्हें सुप्रीम लीडर कहा जाता है। 85 वर्षीय अयातुल्ला खामेनेई की बीमारी की खबर ईरान के लिए गहरी चिंता का विषय है।
रिपोर्ट के अनुसार, अयातुल्ला खामेनेई के बाद उनके बड़े बेटे मोजतबा खामेनेई को उनका उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है। उनके स्वास्थ्य से जुड़ी इस खबर ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है, क्योंकि ईरान के नेतृत्व में किसी भी बदलाव का व्यापक असर हो सकता है।
ईरान के सुप्रीम लीडर ने इजरायली हमले को बताया शरारती कृत्य
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई ने ईरान पर हुए हमले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “इसराइल ने शनिवार को जो हमला किया है, उसे दुनिया के सामने बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है। उनका ऐसा करना गलत है, लेकिन इस हमले को कमतर आंकना भी उचित नहीं है। इसराइल ने ईरान के खिलाफ जो नया शरारती कृत्य किया है, उसे न तो बढ़ा-चढ़ाकर दिखाना चाहिए और न ही उसे कम आंकना चाहिए।”
खामेनेई के इस बयान से यह स्पष्ट है कि ईरान इस हमले को गंभीरता से ले रहा है, लेकिन साथ ही वह स्थिति को संतुलित दृष्टिकोण से देखना चाहता है।
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