भारत में ऑनलाइन बिजनेस सेक्टर ने अपनी एक अलग पहचान बना ली है। ऑफलाइन बिजनेस को आगे बढ़ाने के लिए कारोबारी ऑनलाइन बिजनेस की तरफ रुख कर रहे हैं। पूरे भारत में ऑनलाइन कंपनियों का राज चल रहा है। इसका अच्छा खासा उदाहरण आज देखने को मिला है, जिसमें वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि ‘भारत में रोजगार तथा उपभोक्ता कल्याण पर ई-वाणिज्य शुद्ध प्रभाव का आकलन’ नामक एक रिपोर्ट जारी की गई है। यह रिपोर्टर दिल्ली में स्थित ‘पहले इंडिया फाउंडेशन’ द्वारा जारी की गई है। इसमें बताया गया है कि ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियां भारत में 1.58 करोड़ नौकरियां पैदा कर रही है। जो कि ऑफलाइन बाजार से डेढ़ गुना ज्यादा है। इनमें से 35 लाख से ज्यादा नौकरियां तो सिर्फ महिलाओं को मिली है। खुदरा उद्यम भी ई-कॉमर्स बिजनेस सेक्टर में जुड़ रहे हैं।
इस रिपोर्ट के अनुसार लगभग 17.6 लाख खुदरा उद्यम ई-कॉमर्स बिजनेस से जुड़ चुके हैं। औसतन, प्रत्येक ई-कॉमर्स विक्रेता नौ लोगों को रोजगार देता है, जिसमें से दो महिलाएं ही होती हैं। जबकि ऑफलाइन विक्रेता औसतन सिर्फ 6 लोगों को रोजगार देता है। जिसमें सिर्फ एक महिला होती है। यानी कि ऑफलाइन बिजनेस सेक्टर के मुकाबले ऑनलाइन बिजनेस सेक्टर भारत में अधिक नौकरियां पैदा कर रहा है। हर साल भारत में लाखों नए ऑनलाइन बिजनेस खुल रहे हैं। जिसका सीधा फायदा भारत की अर्थव्यवस्था को हो रहा है। भारत में ऑनलाइन बिजनेस बढ़ने का एक कारण यह भी है कि ऑनलाइन विक्रेताओं की बड़े शहरों के साथ छोटे शहरों तक भी पहुंच हो जाती है। जबकि ऑफलाइन विक्रेता की पहुंच लिमिटेड होती है।
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ई-कॉमर्स बिजनेस सेक्टर के फैलाव से महिलाओं के साथ छोटे कारोबारी को भी फायदा हो रहा है। जहां ई-कॉमर्स बिजनेस से महिलाओं को अपनी काबिलियत साबित करने का मौका मिल रहा है। वहीं छोटे कारोबारियों को भी इससे फायदा हो रहा है। छोटे कारोबारी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों से जुड़ जाते हैं जिससे उनके प्रोडक्ट की सेल्स बढ़ जाती हैं और वह सीधे तौर पर मुनाफा कमाते हैं। बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों उपभोक्ताओं की पहुंच सीधे छोटे कारोबारी तक बनाती है। जिसे उन्हें ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ता और वह बड़ी ही आसानी से अपने बिजनेस को भी आगे बढ़ा पाते हैं।