उत्तर प्रदेश: ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी गांव में बुधवार को 11 हजार वर्ग मीटर पर बनी अवैध संपत्तियों को जिला प्रशासन ने गिराना शुरू कर दिया है। इन अवैध संपत्तियों में 187 दुकान और 4 मकान शामिल है। प्रदीप शर्मा और मुस्ताज अली ने शत्रु संपत्ति पर कब्जा करके अवैध तौर पर 187 दुकान और मकान बनाए हैं। जिन पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। अवैध तौर पर शत्रु संपत्ति पर बनाई गई दुकान और मकान को डीसीपी केंद्रीय शक्ति मोहन अवस्थी और एसडीएम दादरी अनुज नेहरा की अगवाई में बुधवार को गिराया गया।
यह कार्रवाई करने से पहले जिला प्रशासन द्वारा अवैध कब्जे पर बनी दुकान और मकान को खाली करने का नोटिस कुछ दिन पहले ही भेजा गया था। यह ही नहीं कुछ दुकानों पर तो जिला प्रशासन ने सील लगाकर बंद कर दिया था। लेकिन दुकानदारों ने सील को तोड़कर दोबारा से अपना व्यापार करना शुरू कर दिया था। जिस पर जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए दुकानों का जबरन खाली करवाया। भारी विरोध प्रदर्शन की संभावना में शाहबेरी गांव को छाबनी में तब्दील कर दिया गया। जिला प्रशासन की कार्रवाई में कोई भी अर्चन न आए इसलिए दो कंपनी पीएसी के साथ भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
#ग्रेटर_नोएडा: शाहबेरी में चला प्रशासन का बुलडोजर, शत्रु संपत्ति पर बनी अवैध लगभग 150 दुकानों को तोड़ा गया काफी संख्या में पीएसी और पुलिस के अधिकारी और जवान मौके पर मौजूद रहे। #noidakhabar @OfficialGNIDA @vinodsharmanbt pic.twitter.com/GDLMjWhEha
— NoidaKhabar.com (@noidakhabar) August 28, 2024
अब से लड़कियों की शादी की उम्र 18 साल नहीं 21 साल होगी, विधानसभा में बिल पास
एसीपी सेंट्रल राजीव गुप्ता ने की मीडिया से बात
एसीपी दो सेंट्रल राजीव गुप्ता नाम मीडिया से बात करते हुए बताया कि ग्रेटर नोएडा के शाहबेरी में एक पूरा बाजार अवैध तौर पर शत्रु संपत्ति पर बनाया गया है। जिसमें 187 दुकान और चार मकान शामिल है। जिला प्रशासन ने इस अतिक्रमण को हटाने का काम शुरू कर दिया है। किसी भी असामाजिक घटना से बचने के लिए दो कंपनी पीएसी के साथ स्थानीय पुलिस को तैनात किया गया है। शत्रु संपत्ति पर अवैध तौर पर बनाई गई दुकान और मकान को हटाने में कुछ दिनों का समय लगेगा। आपको बता दे की शत्रु संपत्ति वह संपत्ति होती है जिन संपत्तियों के मालिकों ने भारत के दुश्मन देशों में नागरिकता ली है। जैसे कि चीन और पाकिस्तान। ऐसी संपत्तियों पर अधिनियम 1968 के अनुसार भारत सरकार का अधिकार होता है।